Half of the time in my life I travelled, and than I thought why I travelled when there was no place to reach! And then I see in the end, I was no where! What I learned is, to travel was not required at all! Everything was there already where I was! Alas, I lost so much!
Sunday, June 22, 2014
Saturday, June 21, 2014
Wednesday, June 4, 2014
And I came back today...
And here I came back today, with a very heavy heart, with lots of good experiences, with lots of good things, but although, with a very heavy heart!!! And for the reason someone said... "life is too short to end our day with a heavy heart. Exhale stress. Inhale forgiveness."
And I accumulated one another sorrow too... as "Every man has his secret sorrows which the world knows not; and often times we call a man cold when he is only sad.”
― Henry Wadsworth Longfellow
Tuesday, May 27, 2014
Day 1: मोदी जी का स्वागत है!!!
हाल ही में विधानसभा चुनाव में काफ़ी अप्रत्याशित तथ्य और परिणाम सामने आए हैं! उनमे से कुछ ऐसे जो कि लग रहा था हो सकता है और नहीं भी, जैसे की बीजेपी को अकेले 272+ सीट्स का मिलना! जैसे कि कॉंग्रेस पार्टी का 44 पर सिमटना! जैसे कि 3र्ड फ्रंट का पता गुम होना!
लेकिन इन सब चीज़ों में, इन सब परिणामो के बीच में से एक बात जो बहुत ही गौर करने वाली है, और जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, वो हैं मोदी जी!
अगर हम चुनावों की बात ना करके, एक आदमी विशेष की बात करें, जो की इस समय सिर्फ़ मोदी जी की ही हो सकती है, तो काफ़ी कुछ सीखने-बताने को है!
मैं कोई विचारक, कोई राजनीतिक लेखक नहीं हूँ, एक आम आदमी, जिसने ये चुनाव देखा और अपनी छोटी सी समझ से इसे समझने की कोशिश की है, और एक व्यक्ति विशेष पर ध्यान केंद्रित हुआ है, उसे बयान करने की कोशिश कर रहा हूँ!
जीत पार्टी की हुई है, परंतु असल में हक़दार किसी भी जीत का सेनापति ही होता है! मैने तो हमेशा टीवी पर मोदी जी को सिर्फ़ 4-5 व्यक्तियों के साथ ही देखा है! ऐसे व्यक्ति जिन्होने किसी भी आपदा में, किसी भी प्रेशर में मोदी जी का साथ नहीं छोड़ा और सब कुछ मोदी मयी कर दिया. परंतु फिर भी, असल में जो शब्द मोदी जी के लिए कहने का मन करता है, वो अलग ही हैं!
एक आटो बाइयोग्रफी का चलन है हमारे यहाँ, जिसमे एक व्यक्ति के बारे में, उसके जीवन में घटित घटनाओ के बारे में, वो जहाँ है या जहाँ तक पहुँचे हैं, उस बारे में बताया जाता है! और हमारे भविश्य, आने वाली जेनरेशन, बcचे, उसे देखते हैं! उनके सामने हम आइडल प्रस्तुत करते हैं, ताकि वो सीखें उनके व्यक्तित्व से कुछ! मेरी नज़र में, और ये मेरा अपना नज़रिया है, मोदी जी ने ऐसा ही काम किया है!
चाय वाले से प्रधानमत्री बनने तक का सफ़र! मेरी नज़र में मोदी जी मेरे लिए एक उधारण प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति हैं! एक ना हार मानने वाले व्यक्ति जो परिस्थितियों के अनुकूल नहीं चलते, बल्कि परिस्थितियों को अपने अनुकूल करते हैं! और जब हम किसी कि कहानी सुनते हैं या बताते हैं किसी को, तो उसमें यही बात तलाशता है कोई भी, कि कैसे किसी ने अकेले, सबके विरोध के बावजूद, सबके प्रभाव के बावजूद, खुद पर भरोसा रखा, खुद को टूटने नहीं दिया, झुकने नहीं दिया! अभी हम सांप्रदायिकता, असांप्रदायिकता, या और किसी भी मुद्दे पर बात नहीं कर रहे! बात है किसी के कुछ से कुछ बनने की, बात है किसी की सक्सेस स्टोरी की, बात है एग्ज़ॅंपल सेट करने की!
बहुत से सारे हमारे नेता, जिन्हे हम जानते हैं, पहचानते हैं, वो सब या तो पहले से किसी पावर फॅमिली से आए हैं, या बहुत पैसे वाले परिवार से आए हैं, या बहुत करप्षन करके आए हैं (मैने ये नहीं कहा कि सब, मैने कहा बहुत से, no offense please)! मोदी जी बारे में कम से कम इन तीनो चीज़ों में से कोई एक भी बात सच नहीं निकलती! साधारण परिवार से हैं, कोई राजनीतिक बॅकग्राउंड से भी नहीं हैं, और कोई करप्षन का चार्ज भी नहीं है! और यही बातें उन्हे बहुत नेताओ से अलग खड़ा करती हैं!
एक व्यक्ति, जिसके सब खिलाफ हो, दूसरे राजनीतिकार भी, दूसरी पार्टियाँ भी, खुद की पार्टी के लोग भी, भारत के बाहर के कुछ देश भी, वो व्यक्ति, अकेले खड़ा रहे, और वो भी इतने दिनो तक, और लड़े सबके खिलाफ, अद्भुत नज़ारा! बयान करने लायक!
कहने और लिखने को बहुत कुछ है, बस अंत में एक ही बात मोदी जी को, आप अगर प्रधानमत्री ना भी बनते, तब भी आपकी फन फॉलोयिंग कम नहीं होती, आपका कद बहुत बड़ा है, और जो आपने खुद बनाया है! मेरी शुभकामनायें, हमें पूर्ण विश्वास है कि आप देश के हित में, जनता के हित में कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे!
मेरी शुभकामनायें!!!
Tuesday, February 25, 2014
Tuesday, February 4, 2014
RIP Hoffman
We remember few people by their names and few by their work!!! You will be in the latter category. When I read about you last Sunday, your character roles just passed through my mind, "25th hour" esp., one of the best.
Rest in peace, wherever you are...
Rest in peace, wherever you are...
Wednesday, January 8, 2014
...
कई बार किसी गाड़ी या ट्रक के पीछे कोई ऐसी चीज़ लिखी मिल जाती है, जो हम किताबों में नही ढूँढ पाते! "बुरी नज़र वाले तेरा मुँह काला" से ऊपर उठ चुके हैं अब हम! ऐसी लाइन मुझे कल एक ट्रक के पीछे पढ़ने को मिली, जो शाश्वत सत्य है!
"तर्क ही नर्क है, समर्पण ही स्वर्ग है!!"
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